बहुत से लोग बाइबल के कुछ छंदों का उपयोग इस बात के प्रमाण के रूप में करते हैं कि यीशु ही ईश्वर हैं। हालांकि, यदि इन सभी छंदो को संदर्भ में समझे, तो इसके विपरीत साबित होते हैं!
लोगों के लिए मन की शांति क्या है और वे इसे प्राप्त करने का प्रयास कैसे करते हैं, इस पर एक नज़र; उन बाधाओं पर भी एक नज़र जो हमें मन की शांति प्राप्त करने से रोकती हैं।
मुख्य वक्ता: Dr. Bilal Philips (transcribed from an audio lecture by Aboo Uthmaan)
कई लोग गलती से मानते हैं कि इस्लाम दुनिया में मौजूद अन्य धर्मों के अस्तित्व को सहन नहीं करता है। यह लेख स्वयं पैगंबर मुहम्मद द्वारा अन्य धर्मों के लोगों के साथ व्यवहार करने के लिए रखी गई कुछ नींवों पर चर्चा करता है, उनके जीवनकाल के व्यावहारिक उदाहरणों के साथ। भाग 2: पैगंबर के जीवन के और उदाहरण जो अन्य धर्मों के प्रति उनकी सहनशीलता को दर्शाते हैं।
मन की सच्ची शांति सर्वशक्तिमान ईश्वर के प्रति समर्पण, उनके अनुसार जीवन जीने, उन्हें याद करने और परलोक के जीवन को इस जीवन से अधिक महत्त्व देने से मिलती है।
मुख्य वक्ता: Dr. Bilal Philips (transcribed from an audio lecture by Aboo Uthmaan)
दो-भाग वाले लेख का पहला भाग जो यीशु की वास्तविक भूमिका पर चर्चा करता है। भाग 1: चर्चा करता है कि क्या यीशु ने स्वयं को ईश्वर कहा? यीशु को प्रभु कहा जाता है, और यीशु के स्वभाव पर चर्चा।
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