विक्का (भाग 2 का 1) विक्का क्या है?
विवरण: त्यागे हुए प्राचीन आस्था प्रणालियों से लेकर नए युग की जादू-टोना तक।
- द्वारा Aisha Stacey (© 2012 IslamReligion.com)
- पर प्रकाशित 04 Nov 2021
- अंतिम बार संशोधित 04 Nov 2021
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विक्का शब्द सैक्सन मूल के विक्के से आया है, जिसका अर्थ "बुद्धिमान" या "अनदेखी ताकतों को मोड़ना या आकार देना" है। विक्का आधुनिक मूर्तिपूजक धर्मों[1] में सबसे बड़ा है जो प्राचीन मूर्ति पूजा की आस्था प्रणालियों को पुनर्जीवित करता है, जिनमें सेल्टिक, मिस्र, ग्रीक, नॉर्स, रोमन और अन्य परंपराएं शामिल हैं। इसलिए पृथ्वी पर मौजूद धर्मों की तुलना में, विक्का की उत्पत्ति यहूदी धर्म, ईसाई धर्म, इस्लाम, बौद्ध धर्म और हिंदू धर्म से पहले हुई है। विक्का को दुनिया के सबसे पुराने धर्मों में से एक कहा जा सकता है; दूसरी ओर इसे विक्का के बाद से सबसे नए धर्म में से एक कहा जा सकता है, जैसा कि आज हम सब जानते हैं, हाल ही में बनाया गया, पृथ्वी-केंद्रित, आधुनिक मूर्तिपूजक धर्म है जिसे गार्डनरियन विचक्राफ़्ट के दौर से जाना जा सकता है जिसे ब्रिटेन में 1940 के आखरी दशक में स्थापित किया गया था। एक अच्छा सामान्य नियम यह है कि ज़्यादातर विक्कन (विक्का धर्म के अनुयायी) आधुनिक मूर्तिपूजक हैं लेकिन सभी आधुनिक मूर्तिपूजक विक्कन (विक्का धर्म के अनुयायी) नहीं हैं।
कुछ विक्कन (विक्का धर्म के अनुयायी) एक ईश्वर को कभी-कभी "एकमात्र" या "सर्व-शक्तिमान" के रूप में संदर्भित करते हैं, जिसमें महिला और पुरुष के पहलू जुड़े हुए होते हैं जिन्हें 'देवी और देवता' के रूप में संदर्भित किया जाता है। अन्य लोग कई प्राचीन देवी-देवताओं के अस्तित्व को पहचानते हुए विक्का के रास्ते पर चलते हैं, जिनमें शामिल हैं, लेकिन निश्चित रूप से इन तक सीमित नहीं हैं: एफ्रोडाइट, आर्टेमिस, ब्रिगेट, डायना, डायोनिसियस, फेर्गस, हेकेटी, आइसिस, पैन, थॉर, आदि। विक्का धर्म के लोगों को नास्तिक (किसी देवता या देवताओं में कोई विश्वास नहीं) भी कहा जाता है। कुछ विक्कन (विक्का धर्म के अनुयायी) देवी और देवताओं को प्रतीकों के रूप में देखते हैं, जीवित लोगों के रूप में नहीं। इस प्रकार कई विक्कन (विक्का धर्म के अनुयायी) को नास्तिक माना जा सकता है। क्योंकि विक्कन प्रकृति और प्रकृति के देवी और देवताओं की पूजा करते हैं, इसलिए उन्हें पंथवादी भी कहा जा सकता है।
प्रतिष्ठित कनाडाई वेबसाइट रिलिजियस टॉलरेंस के अनुसार कुछ विक्कन (विक्का धर्म के अनुयायी) विक्का और विचक्राफ़्ट को पर्यायवाची मानते हैं, हालांकि कई अन्य लोग दोनों शब्दों के बीच फ़र्क भी करते हैं, जो कहते हैं कि विक्का एक धर्म है और विचक्राफ़्ट का मतलब जादू-टोना करना है। इस परिभाषा के तहत, विचक्राफ़्ट कोई धर्म नहीं है और इसी प्रकार ऐसे कई लोग भी हैं जो मानते हैं कि किसी भी धर्म का सदस्य विचक्राफ़्ट के रास्ते पर चल सकता है।
बहुत से, शायद ज़्यादातर, विक्कन (विक्का धर्म के अनुयायी) धर्म की रीतियों का पालन अकेले ही करते हैं; वे अकेले अपने रीति-रिवाज़ निभाते हैं। अन्य कोवेन्स या ग्रोव्स नाम का समूह बनाते हैं जो विक्कन लोगों के अनौपचारिक समूह होते हैं। कोवेन समूह से ऊपर आमतौर पर कोई समन्वयक समूह नहीं होता है; न ही कोई राज्य या राष्ट्रीय संगठन होता है - इसलिए इससे संबंधित कोई भरोसेमंद आंकड़े मौजूद नहीं हैं। कुछ अपुष्ट अनुमानों में कहा गया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 7.5 लाख विक्कन (विक्का धर्म के अनुयायी) रहते हैं जो विक्का को संयुक्त राज्य अमेरिका में 5वां सबसे बड़ा संगठित धर्म बनाता है। हालांकि ये सारे अनुमान महज़ अनुमानों से अधिक और कुछ नहीं हैं, जिनमें ऐसी कोई ठोस सच्चाई नहीं है, जिसके आधार पर ठोस निष्कर्ष निकाला जा सके।
विक्का को कभी-कभी जादूटोना या मायावी के रूप में जाना जाता है क्योंकि यह तंत्र-विद्या और जादू-टोना से जुड़ा हुआ है। जादुई मंत्रों को दूसरों को नुकसान पहुंचाने या उनकी मदद करने के प्रयास के लिए डिज़ाइन किया जा सकता है, हालांकि विक्कन (विक्का धर्म के अनुयायी) अपनी मान्यताओं की सीमा में बंधे होते हैं कि वे तंत्र-विद्या या किसी ऐसी गतिविधि में शामिल नहीं होंगे जिससे किसी दूसरे को नुकसान पहुंचे। उनके व्यवहार के मुख्य नियम विक्कन रीड हैं: "आप तब तक जो चाहे करें जब तक कि यह किसी को नुकसान न पहुंचाए", जो आत्मरक्षा के कुछ मामलों को छोड़कर लोगों को नुकसान पहुंचाने से वर्जित करता है, और तीन गुना होने का कानून: "एक व्यक्ति दूसरे के लिए जो भी अच्छा करता है वह इस जीवन में तीन गुना अच्छी चीज़ें पाता है; और नुकसान भी तीन गुना पाता है।"
निमोसिने के अधिकार के अनुसार[2], "तंत्र-विद्या लोगों को मेंढक में बदलने या उनकी इच्छाएं पूरी करने के लिए नहीं हैं। मंत्र ऐसी क्रियाओं और प्रार्थनाओं का एक समूह है जिसका उपयोग आप अपने जीवन के किसी विशेष परिस्थिति के लिए दैवीय सहायता मांगने के लिए करते हैं और उसका जप करते हैं।" विक्कन का मानना है कि हम जो ऊर्जा पैदा करते हैं, वह हमारे साथ हुए चीज़ों को प्रभावित करता है, इस प्रकार बुरे जादू का असर तीन गुना वाले कानून के रूप में दिखाई देता है। अन्य महत्वपूर्ण नैतिक शिक्षाओं में दूसरों के साथ तालमेल में रहना और पर्यावरण का सम्मान करना शामिल है। त्यौहार के लिए विक्का धर्म में आठ दिन होते हैं जो चंद्रमा और ऋतुओं के चरणों के हिसाब से चलते हैं और उन्हें सब्त कहा जाता है। माना जाता है कि सब्तों की उत्पत्ति शिकार, खेती और पशु प्रजनन से जुड़े चक्रों में हुई थी।
पंचकोण और पंचकोण तारा विक्कन और कई अन्य आधुनिक मूर्तिपूजक लोगों द्वारा उपयोग किये जाने वाले मुख्य प्रतीक हैं। कुछ रस्म संबंधी चीज़ें लगभग हर विक्कन परंपरा में आम हैं, जैसे कि आथेम (धार्मिक चाकू) और चैलाइस (धार्मिक कप)। दूसरों का उपयोग कुछ परंपराओं द्वारा किया जा सकता है, लेकिन दूसरों द्वारा नहीं: घंटियां, झाड़ू, मोमबत्तियां, कड़ाही, डोरियां, ड्रम, धूप, गहने, खास प्लेटें, दस्ते, मूर्तियां, तलवारें, पटरा और छड़ी। इन चीज़ों के मायने, इनके उपयोग और निर्माण परंपराओं और प्रत्येक व्यक्तियों के बीच भिन्न होगा। आमतौर पर, एक विक्कन रस्म में किसी प्रकार के पवित्र स्थान का निर्माण (एक चक्र बनाना), दैवीय शक्ति का आह्वान, नृत्य/गीत/भोजन या शराब साझा करना, और एक ख़ुशहाल विदाई और औपचारिक समापन शामिल होगा। रस्में विक्कन "सब्त" में आयोजित किए जा सकते हैं या जन्म, बढ़ती उम्र, शादी/हैंडफास्टिंग, गृहिणी, उपचार, मृत्यु, या रास्ते में आने वाले अन्य रस्म जैसे जीवन बदलावों को चिह्नित करने के लिए आयोजित किए जा सकते हैं।[3]
विक्कन शैतान की पूजा नहीं करते हैं। वे उसके अस्तित्व को भी स्वीकार नहीं करते हैं। हालांकि उनकी मान्यताओं में अक्सर देवी-देवताओं का एक देवगण होता है, इनमें से कोई भी देवता ईसाई धर्म में पाए जाने वाले शैतान की तरह सर्व-दुष्ट नहीं होता है। जैसा कि इस वेबसाइट पर शैतानवाद के बारे में लेखों में उल्लेख किया गया है, 15वीं और 16वीं शताब्दी में कैथोलिक चर्च ने यह सिद्धांत प्रदान किया कि शैतान की पूजा और काला-जादू की प्रक्रिया मौजूद रही है और वे सभी के लिए बड़ा खतरा रहे हैं। इसने विच बर्निंग (डायन या चुड़ैलों को जलाना) की प्रक्रिया को जन्म दिया जिसे बर्निंग टाइम या वैकल्पिक रूप से महिला आहुति कहा जाने लगा। 50,000 लोगों पर विधर्म का मुकदमा चलाया गया और दस हज़ार से भी अधिक लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया। बहुत से लोग अब मध्य युग से जादूगरनी के बारे में काल्पनिक कहानियों के साथ आज के विक्कन को जोड़ते हैं, कुछ रूढ़िवादी संप्रदाय अभी भी इस कल्पना को सच मानते हैं।
भाग 2 में हम विक्का की तुलना इस्लाम धर्म से करेंगे और सवाल पूछेंगे कि एक धर्म जो शैतान को नहीं मानता क्या वह वाकई शैतानी गतिविधियों के प्रभाव से मुक्त हो सकता है?
विक्का (भाग 2 का 2): डिफ़ॉल्ट रूप से बुराई
विवरण: इस्लाम और विक्का - क्या वे किसी भी तरह से एक जैसे लगते हैं?
- द्वारा Aisha Stacey (© 2012 IslamReligion.com)
- पर प्रकाशित 04 Nov 2021
- अंतिम बार संशोधित 04 Nov 2021
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जब कोई व्यक्ति यह सोचता है कि विक्का और शैतानवाद के बीच ज़मीन-आसमान का फ़र्क है, फिर यह सोचना आसान हो जाता है कि विक्का एक हानिरहित धर्म है। यह भी प्रतीत हो सकता है कि 21वीं सदी में विक्का धर्म केवल सुसंगत भावनाओं और प्राचीन प्रकृति-आधारित धर्मों को पर्यावरणवाद के रूप में परिवर्तित करने से थोड़ा अधिक है। हालांकि, यह हकीकत नहीं है। मायावी शक्तियों से गंभीरता से या मस्ती में निपटना एक खतरनाक काम है। मानव जाति की नियति को नियंत्रित करने वाली रेखाओं को धुंधला होने देना जोखिम भरा है, यहां तक कि खतरनाक भी है। बहरहाल यह साफ़-साफ़ प्रतीत होता है कि विक्का धर्म के ज़्यादातर अनुयायी न तो इस पर यक़ीन करते हैं और न ही जानबूझकर शैतान के साथ काम करते हैं, इस्लामी राय यह है कि विक्का धर्म शैतान से बहुत अधिक प्रभावित है, चाहे विक्का धर्म को मानने वाले लोग ऐसा चाहते हों या न चाहते हों।
सबसे पहले आइए हम इस्लाम के सबसे बुनियादी सिद्धांतों में से एक को लागू करके देखते हैं। आस्था के स्तंभों में से एक जिस पर हर मुसलमान यकीन रखता है वो है क़द्र, या दैवीय नियति। हमारे जीवन में जो कुछ भी होता है, जिसे हम अच्छा या बुरा समझते हैं, वह हमारे अस्तित्व में आने से बहुत पहले से ही ईश्वर के आदेश का हिस्सा है। ईश्वर की इजाज़त के बिना कुछ नहीं होता, यहां तक कि पेड़ से गिरने वाला पत्ता या खिड़की के शीशे पर गिरने वाली बारिश की बूंद भी नहीं। इसलिए, यह सोचना कि कोई व्यक्ति या कुछ जादुई शब्द बोलने, अच्छे को बुरे में बदलने या मनचाहा परिणाम लाने में सक्षम है, तो ये काफी बेतुकी बात होगी। ईश्वर के सिवा किसी और चीज़ में अपनी आस्था रखना बेकार है, और इतना ही नहीं, एक मुसलमान के लिए यह ख़तरनाक है।
ईश्वर का कोई साथी है या फिर कुछ ऐसे लोग हैं जो दूसरों की तुलना में ईश्वर के ज़्यादा करीब हैं, ऐसी बातों पर भरोसा करना एक बड़ा पाप है, और शैतान लोगों को ईश्वर से दूर ले जाने और विनाश के मार्ग पर ले जाने के अलावा और कुछ नहीं चाहता है। विक्का धर्म में इसी बात का खतरा है। जो लोग विक्का को एक धर्म मानते हैं, उनका कहना है कि मंत्र का जप करना केवल दैवीय सहायता मांगने से थोड़ा अधिक है। फिर भी ईश्वर ने अपनी रचना के प्रति अपने प्रेम के कारण हमें क़ुरआन और प्रामाणिक सुन्नत (पैगंबर मुहम्मद की शिक्षाएं) प्रदान की हैं, जिससे हम दैवीय सहायता मांगने का सही तरीका सीखते हैं। घंटियों, मोमबत्तियों, झाड़ू, कड़ाही, छड़ी, या अन्य विक्कन सामग्री की सहायता से दैवीय सहायता नहीं हासिल हो सकती है। एक इंसान को ईश्वर पर भरोसा करके उनसे अकेले सहायता मांगनी चाहिए। ईश्वर ही वह है जो आशीर्वाद देता है या बुराई को दूर करता है और संकट से छुटकारा दिलाता है।
“कहो कि ईश्वर के अतिरिक्त, आकाशों और धरती में कोई परोक्ष का ज्ञान नहीं रखता और वह नहीं जानते कि वह कब उठाये जायेंगे।”(क़ुरआन 27: 65)
जादू टोना करना, किस्मत बताना और अलौकिक भविष्यवाणियां करना इंसानों को उनके विनाश की ओर ले जाने के लिए बनाई गई शैतान की चाल से ज़्यादा और कुछ नहीं है। हालांकि यह जान लेने के बाद कि जादू के अस्तित्व की पुष्टि क़ुरआन और पैगंबर मुहम्मद की बताई बातों से होती है। यह एक हकीकत और एक सच्चाई है। लोगों को यह भरोसा दिलाना धोखा है कि बुराई की ताकतों के साथ खेलने में कोई नुकसान नहीं है। भले ही मामला घातक न हो, लेकिन जादू किसी भी रूप में एक व्यक्ति को ईश्वर से दूर कर देता है। जादू एक कला है जिसमें कौशल और दक्षता की आवश्यकता होती है, और यह एक प्रकार का ज्ञान है जिसका एक नींव, कार्यप्रणाली और सिद्धांत होता है। इस्लाम में इसे सीखना जायज़ नहीं है। जादू टोना और उस जैसी अन्य गतिविधि जैसे कि टैरो कार्ड, चाय की पत्ती और कुंडली देखकर भविष्य बताना मुसलमानों के लिए मना है।
“जो कोई ज्योतिषी के पास जाता है और उससे कुछ भी पूछता है, उसकी प्रार्थना चालीस दिनों तक क़बूल नहीं की जाएगी।”[1]
यह हालात की गंभीरता के बारे में बहुत कुछ बताता है और कुछ देशों में जादू और जादू के इस्तेमाल से मूर्ख बनाना भी कानून के तहत दंडनीय अपराध है।
हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात हवाई अड्डे पर दो लोगों को गिरफ़्तार किया गया था। उनके पास से मिले सामानों में, 28 श्रेणियों में वर्गीकृत, 1200 अवैध वस्तुएं पाई गईं, इनमें जादुई मंत्र और अनुष्ठान वाले ग्रंथ, तावीज़, जानवरों की खाल और हड्डियां, रक्त और अन्य तरल पदार्थ रखने वाले कंटेनर, तार और अजीब से छल्ले शामिल थे। वहां के सीमा शुल्क निदेशक ने बताया कि लोगों के भोलेपन का फ़ायदा अक्सर धोखाधड़ी करके उठाया जाता था। यह एक और कारण है कि विक्का को इस्लाम द्वारा स्वीकार नहीं किया जाता, चाहे उसे एक धर्म के रूप में अपनाया जाए या न अपनाया जाए।
जो लोग आपको यह बताने में सक्षम होने का दावा करते हैं कि भविष्य में क्या होगा, वे ज़्यादातर अपने व्यक्तित्व, हाव-भाव आदि के ज्ञान के आधार पर झूठी भविष्यवाणियां कर रहे होते हैं। बहरहाल, इंसानों की एक और श्रेणी है जो असल में जिन्न और मानव जाति दोनों से शैतान और उसके चापलूस लोगों से निपटती है। ये लोग बुराई में लिपटे हुए होते हैं चाहे उन्हें इसका एहसास हो या न हो और दुख की बात है कि ऐसे लोगों के द्वारा काफ़ी नुकसान किया जा सकता है जो सोचते हैं कि वे अच्छा काम कर रहे हैं या एक हानिरहित चीज़ों में शामिल हैं।
एक प्रकार का जादू है जिसका मकसद घृणा या प्रेम पैदा करना होता है। इसे किसी व्यक्ति पर गांठ बांधकर, फूंक मारकर और औषधि का उपयोग करके अंजाम दिया जाता है। यह जादू एक आदमी को अपनी पत्नी से प्यार या नफरत करने में, या एक महिला अपने पति से प्यार या नफरत करने में सक्षम बनाता है। यह किसी व्यक्ति के अपने पति या पत्नी के अलावा अन्य लोगों के साथ संबंध बनाने के लिए भी प्रभावित कर सकता है। इसलिए ईश्वर ने हमें हुक्म दिया है कि हम बंधे गांठ पर फूंक मारने वालों की बुराई से बचने के लिए उनके पास शरण लें, और साथ ही हर तरह की बुराई से बचने के लिए केवल उन्हीं की शरण लें।
कहो: “मैं शरण मांगता हूं सुबह के पालनहार की। हर चीज़ की बुराई से जो उसने पैदा की। और अंधकार की बुराई से जबकि वह छा जाये। और गाठों में फूंक मारने वालों की बुराई से। और ईष्र्यालु की बुराई से, जबकि वह ईष्र्या करे।” (क़ुरआन 113)
अंत में, प्राचीन मूर्तिपूजा की आस्था प्रणालियों में ऐसी ही चीज़ें शामिल हैं, प्राचीन मूर्तिपूजा की आस्था प्रणाली में यही सब होते हैं। हजारों साल पुरानी मान्यताओं को फिर से उभारने की ज़रुरत नहीं है। ईश्वर ने हमें पूरी मानव जाति के एक सही धर्म (यानि इस्लाम) दे दिया है और इसके अंदर दरअसल सारे जवाब मौजूद हैं। विक्का कई लोगों को एक शांतिपूर्ण सुखदायक धर्म ज़रूर प्रतीत हो सकता है लेकिन असल शांति ईश्वर के हुक्म का पालन करने और ईश्वर द्वारा आपके लिए पूर्व निर्धारित जीवन जीने में ही निहित है।
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