"अल्लाह" का परिचय
विवरण: सर्वशक्तिमान ईश्वर (अल्लाह) और उनके कुछ शानदार गुणों का परिचय।
- द्वारा IslamReligion.com
- पर प्रकाशित 04 Nov 2021
- अंतिम बार संशोधित 04 Nov 2021
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ईश्वर, अरबी में "अल्लाह" एक है। वह अद्वितीय है, उसके जैसा कोई भी नहीं है (वह एक आदमी नहीं है जैसा कि कुछ लोग गलत सोचते हैं), वह हर चीज (प्रत्येक मानव, पशु, पौधे, जीव, तारे, आकाशगंगा; वास्तव में संपूर्ण ब्रह्मांड) का निर्माता और मालिक है, और उसके अलावा बाकी सब उसकी रचना है। ब्रह्मांड का सब कुछ ईश्वर का है।
ईश्वर प्रथम और अंतिम है। ब्रह्मांड विज्ञानी और वैज्ञानिक जो अभी भी यह आश्चर्य करते हैं कि ब्रह्मांड कैसे बना, उन्हें बताया जा सकता है कि पैगंबर मुहम्मद (ईश्वर की दया और कृपा उन पर बनी रहे) ने कहा, "सबसे पहले ईश्वर के अलावा कुछ भी नहीं था (फिर उन्होंने अपना सिंहासन बनाया)। उनका सिंहासन जल के ऊपर था, और उन्होंने... आकाशों और जमीन को बनाया।"[1]
ब्रह्मांड की उत्पत्ति कैसे हुई, इस पर बिग बैंग सिद्धांत क़ुरआन में बताये गए ब्रह्मांड के निर्माण के विवरण पर बिलकुल सटीक बैठता है। [2]सर्वशक्तिमान ईश्वर प्रथम हैं और उनसे पहले कुछ भी नहीं था और वह आखिरी हैं और उनके बाद कुछ भी नहीं होगा। ईश्वर ने अंतरिक्ष, पदार्थ, समय, प्रकाश और अंधकार की रचना की; ये सब उनकी योजना का हिस्सा है।
ईश्वर सब से ऊपर है। सर्वशक्तिमान ईश्वर भौतिक रूप से अपनी महिमा के अनुरूप अपने सिंहासन पर बैठे हुए ब्रह्मांड के ऊपर है। वह सब से ऊपर है। सब कुछ उनके नीचे है। कोई भी मनुष्य कल्पना नही कर सकता या समझ नही सकता कि ईश्वर कैसा दिखता है; ये हमारी क्षमता से परे है। किसी भी व्यक्ति ने कभी ईश्वर को नहीं देखा है और केवल स्वर्ग में ही विश्वासियों को सबसे बड़ा आनंद मिलेगा जब सर्वशक्तिमान ईश्वर अपना चेहरा दिखाएंगे और विश्वासी उन्हें देख पाएंगे।
ईश्वर न सोता है, न आराम करता है और न ही खाता है। मनुष्यों के विपरीत, सर्वशक्तिमान में कोई कमी या अपूर्णता नही है, जैसे सोने, आराम करने या खाने की आवश्यकता। बल्कि इसके बजाय उसने मानवजाति को नींद और खाने का आशीर्वाद दिया ताकि हम उसके आभारी रहें और ये समझें की ईश्वर हमारे लिए आवश्यक है।
ईश्वर सब कुछ जानता, देखता और सुनता है। सोचें कि किसी भी समय कोई मनुष्य अपनी आंखों से कितनी दूर तक देख सकता है; और अब सोचें कि सर्वशक्तिमान ईश्वर (ईश्वर की प्रशंसा हो) वह सब देखता है जो 7 अरब लोग देख सकते हैं; और वह ब्रह्मांड में होने वाली हर बड़ी और छोटी घटना को देखता, सुनता और जानता है। इसके अलावा ईश्वर और सिर्फ ईश्वर ही भविष्य जानता है। क्या ईश्वर जैसा कोई है? क्या उसके सिवा कोई पूज्यनीय है?
ईश्वर सर्वशक्तिमान है और सब कुछ करने में सक्षम है। जब पैगंबर मूसा ने ईश्वर से कहा कि वह सर्वशक्तिमान को देखना चाहते हैं, तो ईश्वर ने मूसा को एक पहाड़ को देखने के लिए कहा और कहा कि अगर पहाड़ एक जगह पर टिका रहा तो वह उन्हें देख लेगा; और जब सर्वशक्तिमान ने स्वयं को पहाड़ पर प्रकट किया तो वह पूरी तरह से नष्ट हो गया और मूसा बेहोश हो गए।
तूफान, ज्वालामुखी, भूकंप, बाहरी अंतरिक्ष में सुपरनोवा जैसी प्राकृतिक घटनाएं इस बात की निशानियां है कि ईश्वर कितना शक्तिशाली और भव्य है। एक दिलचस्प तथ्य यह है कि ज्ञात ब्रह्मांड (जिसे मनुष्य जानता है) लगभग 93 बिलियन प्रकाश वर्ष व्यास का है, यानी 550 बिलियन ट्रिलियन मील जितना। जिसका अर्थ है कि 20,000 मील प्रति घंटे की गति से यात्रा करने वाले एक अंतरिक्ष यान को "ज्ञात" ब्रह्मांड के व्यास की यात्रा करने में लगभग 3139 ट्रिलियन वर्ष लगेंगे।
अब पढ़िए कि ईश्वर क्या कहता है, "उन्होंने ईश्वर का वैसा सम्मान नहीं किया जैसे करना चाहिये था और कयामत के दिन पूरी धरती ईश्वर की मुट्ठी मे होगी और आकाश उनके दायें हांथ मे लपटा हुआ होगा। वह पवित्र तथा उच्च है उनसे जिसे ये ईश्वर का भागीदार बताते हैं" (क़ुरआन 39:67)। प्रलय के दिन संपूर्ण ज्ञात ब्रह्मांड सर्वशक्तिमान ईश्वर के दाहिने हाथ में होगा। क्या ईश्वर जैसा कोई है? क्या उनके सिवा कोई पूज्यनीय है?
ईश्वर परम दयालु है। "परम दयालु" ईश्वर के नामों में से एक नाम है। उनके कुछ अन्य नाम हैं सर्व-दयालु, सृष्टिकर्ता, केवल एक, प्रकाश, शानदार, उदार, गौरवशाली, सबसे पवित्र, पालनकर्ता, महिमा वाला, शांति का स्रोत, जीवन देने वाला, मृत्यु देने वाला, प्यार करने वाला, दयालु, पश्चताप को स्वीकार करने वाला, समझदार, न्यायी और बदला लेने वाला। ईश्वर से मांगते समय उसे उसके सुंदर नामों से पुकारना अत्यधिक लाभकारी होता है। धन मांगते समय कह सकते हैं "हे उदार ईश्वर" और क्षमा मांगते समय कह सकते हैं "हे दयालु और पश्चाताप को स्वीकार करने वाले ईश्वर।"
ईश्वर की दया में से यह है कि, "वह रोकता है आकाश को धरती पर गिरने से, परन्तु उसकी अनुमति से? वास्तव में, ईश्वर लोगों के लिए अति करुणामय, दयावान है" (क़ुरआन 22:65)। पैगंबर मुहम्मद (ईश्वर की दया और कृपा उन पर बनी रहे) ने एक बार एक दूध पिलाने वाली मां को अपने खोए हुए शिशु की तलाश करते देखा, और जब उसे उसका बच्चा मिला तो पैगंबर ने कहा, "क्या आपको लगता है कि यह महिला अपने बेटे को आग में डाल सकती है?" हमने जवाब दिया "नहीं यदि ये उसके बस में है तो।" तब पैगंबर ने कहा, "ईश्वर अपने बंदो पर इस महिला से अधिक दयालु हैं।"[3]
ईश्वर शाश्वत रूप से जीवित है, स्वयं विद्यमान है। ये ईश्वर के सुंदर नामों में से दो अन्य नाम है। जो कुछ भी मौजूद है उसे जीवित रहने के लिए ईश्वर की जरूरत है और ईश्वर को किसी की जरूरत नहीं है। हर मनुष्य की मृत्यु होगी, जबकि महिमा और सम्मान (यह भी उनके सुंदर नामों में से एक है) का ईश्वर हमेशा जीवित रहेगा; वो अमर है।
"तुम्हारा पालनहार वही ईश्वर है, जो... रात को दिन से ढक देता है, एक और रात तेजी से उसके पीछे आती है, सूर्य और चांद और तारे उसकी आज्ञा के अधीन हैं। निस्संदेह वही सृष्टिकर्ता है और वही शासक है। वही ईश्वर है इस संसार का स्वामी है" (क़ुरआन 7:54)। इस दुनिया में जो कुछ भी होता है वह अपने आप या संयोग से नही होता, बल्कि वह सर्वशक्तिमान है जो सब कुछ नियंत्रित कर रहा है। दिन और रात, गर्मी और सर्दी, वर्षा और सूखा, शरीर की प्रत्येक कोशिकाएं (जो खरबों मे है), पौधों में बीजों का अंकुरण, कोशिका गुणन जिससे एक भ्रूण बनता है और फिर एक बच्चा, और लोगों का मरना; सब कुछ ईश्वर की आज्ञा से होता है। क्या ईश्वर जैसा कोई है? क्या उसके सिवा कोई पूज्यनीय है?
फुटनोट:
[1] अल-बुखारी 414
[2] शेरिफ, जून 2008, ब्रह्मांड के विस्तार और बिग बैंग थ्योरी पर क़ुरआन। https://www.islamreligion.com/articles/1560/quran-on-expanding-universe-and-big-bang-theory/ से लिया गया
[3] अल-बुखारी 73 # 28
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